चौपाई: गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥

अर्थः यह चौपाई सुन्दरकाण्ड मे हनुमान जी के लंका मे प्रवेश करने के समय की है। प्रश्न बहुत श्रेष्ठ है कार्य सिद्ध होगा।